ॐ जय लक्ष्मी माता, मैय्या जय लक्ष्मी माता ,
तुम को निस दिन सेवत, हर विष्णु धाता |
ॐ जय लक्ष्मी माता ||
उमा रमा ब्रह्माणी, तुम ही जग माता ,
सूर्य चन्द्रमा ध्यावत, नारद ऋषि गाता |
ॐ जय लक्ष्मी माता ||
दुर्गा रूप निरंजनी, सुख सम्पति दाता ,
जो कोई तुमको ध्यावत, रिद्धि सिद्धि धन पाता |
ॐ जय लक्ष्मी माता ||
तुम पाताल निवासिनी, तुम शुभ दाता ,
कर्म प्रभाव प्रकाशिनी, भव निधि की दाता |
ॐ जय लक्ष्मी माता ||
जिस घर तुम रहती, तहं सब सदगुण आता ,
सब संभव हो जाता, मन नहीं घबराता |
ॐ जय लक्ष्मी माता ||
तुम बिन यज्ञ न होते, वस्त्र न कोई पाता ,
खान पान का वैभव, सब तुम से आता |
ॐ जय लक्ष्मी माता ||
शुभ गुण मंदिर सुन्दर, क्षीरोदधि जाता |
रत्ना चतुर्दश तुम बिन, कोई नहीं पाता |
ॐ जय लक्ष्मी माता ||
महा लक्ष्मी जी की आरती, जो कोई नर गाता ,
उर आनंद समाता, पाप उतर जाता |
ॐ जय लक्ष्मी माता ||
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तुम को निस दिन सेवत, हर विष्णु धाता |
ॐ जय लक्ष्मी माता ||
उमा रमा ब्रह्माणी, तुम ही जग माता ,
सूर्य चन्द्रमा ध्यावत, नारद ऋषि गाता |
ॐ जय लक्ष्मी माता ||
दुर्गा रूप निरंजनी, सुख सम्पति दाता ,
जो कोई तुमको ध्यावत, रिद्धि सिद्धि धन पाता |
ॐ जय लक्ष्मी माता ||
तुम पाताल निवासिनी, तुम शुभ दाता ,
कर्म प्रभाव प्रकाशिनी, भव निधि की दाता |
ॐ जय लक्ष्मी माता ||
जिस घर तुम रहती, तहं सब सदगुण आता ,
सब संभव हो जाता, मन नहीं घबराता |
ॐ जय लक्ष्मी माता ||
तुम बिन यज्ञ न होते, वस्त्र न कोई पाता ,
खान पान का वैभव, सब तुम से आता |
ॐ जय लक्ष्मी माता ||
शुभ गुण मंदिर सुन्दर, क्षीरोदधि जाता |
रत्ना चतुर्दश तुम बिन, कोई नहीं पाता |
ॐ जय लक्ष्मी माता ||
महा लक्ष्मी जी की आरती, जो कोई नर गाता ,
उर आनंद समाता, पाप उतर जाता |
ॐ जय लक्ष्मी माता ||
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