शनिवार, 29 अक्तूबर 2011

शिव आरती

कर्पूरगौरं  करूणावतारम  , संसारसारं  भुजगेन्द्र हारम  |
सदा  वसन्तं  हृदयारविन्दे  भवं  भवानी  सहितं  नमामि ||

जय  शिव  ओमकारा, भज  शिव  ओमकारा  |
ब्रह्मा  विष्णु  सदाशिव , अर्व्दांगी   धारा ||
                                ॐ  हर  हर  हर  महादेव  |

एकानन  चतुरानन  पंचानन  राजै   |
हंसानन  गरुडासन  वृषवाहन  साजै   ||
                                ॐ  हर  हर  हर  महादेव  |

दो  भुज  चारु  चतुर्भुज  दशभुज  अति  सोहै  |
तीनो  रूप  निरखते  त्रिभुवन जन  मोहे  ||
                                ॐ  हर  हर  हर  महादेव  |

अक्षमाला  वनमाला  रुन्दमाला  धारी  |
त्रिपुरानाथ  मुरारी  करमाला  धारी  ||
                                ॐ  हर  हर  हर  महादेव  |

श्वेताम्बर  पीताम्बर  बाघाम्बर  धारी  |
संकादिक  गरुडादिक  भूतादिक  संगे  ||
                                ॐ  हर  हर  हर  महादेव  |

कर  मध्ये  सुकमंडल चक्र  त्रिशूल  धरता  |
सुखकर्ता  दुखाकर्ता  सुख  में  शिव  रहता  ||
                                ॐ  हर  हर  हर  महादेव  |

काशी  में  विश्वनाथ  विराजे  नन्दी  ब्रह्मचारी  |
निट  उठ  ज्योत  जलावत  दिन -दिन  अधिकारी  ||
                                ॐ  हर  हर  हर  महादेव  |

त्रिगुणास्वामी   की  आरती  जो  कोई  नर  गावे,
ज्योरे  मन  शुद्ध  होय  जावे , ज्योरें  पाप  परा  जावे ,
ज्योरे  सुख  सम्पति  आवे , ज्योरे  दुःख  दारिद्र्य  जावे,
ज्योरे  घर  लक्ष्मी  आवे, भनत  भोलानंद  स्वामी,
रटत  शिवानन्द  स्वामी  इच्छा  फल  पावे  ||
                                ॐ  हर  हर  हर  महादेव  |

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