मंगलवार, 1 नवंबर 2011

महालक्ष्मी अष्टकम ( महालक्ष्म्यष्टकं )

नमस्तेस्तु   महामाये  श्रीपीठे  सुरपूजिते  |
शंखचक्रगदाहस्ते  महालक्ष्मी  नमोस्तुते  || 

नमस्ते  गरुडारुढे   कोलासूरभयंकरी  |
सर्वपापहरे  देवी  महालक्ष्मी  नमोस्तुते  || 

सर्वज्ञे  सर्ववरदे  सर्वदुष्टभयंकरी  |
सर्वदुःखहरे  देवी  महालक्ष्मी  नमोस्तुते  || 

सिद्धिबुद्धिप्रदे देवी भुक्तिमुक्तिप्रदायिनी  |
मन्त्रपूते  सदा  देवी  महालक्ष्मी  नमोस्तुते  || 

आध्यान्तराहित  देवी आदयशक्ति महेश्वरी  |
योगजे  योगसम्भूते  महालक्ष्मी  नमोस्तुते  || 

स्थूलसूक्ष्ममहारौद्रे  महा शक्ति महोदरे |
महापापहरे  देवी महालक्ष्मी  नमोस्तुते  || 

पद्द्न्यासनस्थिते देवी परब्रह्मस्वरूपिणी |
परमेशी   जगन्मातर्महालाक्ष्मी नमोस्तुते  ||

श्वेताम्बरधरे देवी नानालंकारभूषिते |
जगतस्थिते  जगन्मातर्महालाक्ष्मी नमोस्तुते  ||

महालक्ष्म्यष्टकं  स्तोत्रं  यः  पठेभ्दक्तिमान  नरः  |
सर्वसिद्धिमवाप्नोती  राज्यं  प्राप्नोति  सर्वदा  ||

एककाले  पठेन्नित्यं  महापापविनाशनम  |
व्दिकालम  यः  पठेन्नित्यं  धनधान्यसमन्वितः  |

त्रिकाल  यः  पठेन्नित्यं  महाशत्रुविनाशनम  |
महालक्ष्मिर्भवेन्नित्यम  प्रसन्न  वरदा शुभ  ||

!! इतिन्द्रकृतम  महालक्ष्म्यष्टकं संपूर्णम  !!

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